भागलपुर में स्कूली पढ़ाई के बाद दिल्ली आना हुआ। फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कालेज से पढ़ाई-वढ़ाई हुई। अब खबरनवीशी की दुनिया ही अपनी दुनिया है। आगे राम जाने...
कुछ बातें कुछ यादें कुछ सवाल
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कुछ किताबें आंगन के कोने में लगे हरसिंगार फूल के पुराने गाछ की तरह घर में
दाखिल होती है। सितम्बर अक्टूबर में जब यह फूल आँगन को अपनी खुशबू में बाँध
लिया करत...
5 comments:
वाह!! नजीर साहब की पंक्तियाँ पढ़कर मजा आ गया.
आपको होली की मुबारकबाद एवं बहुत शुभकामनाऐं.
सादर
समीर लाल
नजीर अकबराबादी की अच्छी कविता।
होली की शुभकामंनाए
बहुत उम्दा सटीक अच्छी कविता धन्यवाद.होली की मुबारकबाद .
बहुत सुन्दर
बहुत सही है. होली मुबारक !
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