छठ के बहाने गुलजार हुए बिहार के गांव पर्व के बाद फिर होंगे खाली, कब रुकेगा
ये पलायन?
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प्रवासियों के लिए भीड़ एक संज्ञा है! प्रवासियों का दर्द त्यौहारों में और
बढ़ जाता है, वे भीड़ बन निकल पड़ते हैं अपनी माटी की ओर, जहां से उन्हें
हफ्ते भर ब...
2 weeks ago
4 comments:
एक दोहा स्मरण आ रहा है, आप भी आनंद लिजिये
गंग भंग दुई बहिन है सदा रहत शिव संग
मुर्दा तारन गंग है औ जिंदा तारन भंग
भांग की ठंडाई देखे ही बरसों बीते....
बम भोले...
भांग निर्धारित मात्रा में पुष्टिकारक है लेकिन अति होने पर .......
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