भागलपुर में स्कूली पढ़ाई के बाद दिल्ली आना हुआ। फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कालेज से पढ़ाई-वढ़ाई हुई। अब खबरनवीशी की दुनिया ही अपनी दुनिया है। आगे राम जाने...
पूर्णिया के कथावाचक थे डॉ. रामेश्वर प्रसाद
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वे मुझे पूर्णिया की कथा सुनाते थे, जिसे भी पूर्णिया की कहानियों से रुचि
होती, वह ज़रूर एक दफे उनके घर जाता था। पूर्णिया से उन्हें ख़ास लगाव था। वे
ऑक्सफोर्...
1 comment:
अच्छी तस्वीर, चुपचाप सबकुछ कहती तस्वीर। इक लौ जिंदगी...पढ़कर रंग दे बसंती याद आ गई।
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