नगाड़े वालों की यह टोली 22 अगस्त की रात रामलीला मैदान पहुंची थी। वह वृंदावन से आई थी। जांच-पड़ताल के नाम पर पुलिसवालों ने इन्हें बाहर ही रोक दिया था। टोली के साथ आए विनोद शर्मा ने हमें बताया, “हम अन्ना की आवाज में तान देने आए हैं।” 24 अगस्त की देर रात ढूंढ़ने के बावजूद वे हमें नहीं दिखे। हालांकि बीती रात मुश्किलों से भरी थी और रह-रहकर किसी कोने से ढोल की आवाज आ रही थी।
बहरहाल जो-जो टोलियां आई हैं उसका लेखा-जोखा है। फिलहाल तो इस तस्वीर में उस वृंदावनी टोली को देखें।
भागलपुर में स्कूली पढ़ाई के बाद दिल्ली आना हुआ। फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कालेज से पढ़ाई-वढ़ाई हुई। अब खबरनवीशी की दुनिया ही अपनी दुनिया है। आगे राम जाने...
रेणु और गाम-घर
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खेत में जब भी फसल की हरियाली देखता हूँ तो लगता है कि फणीश्वर नाथ रेणु खड़ें
हैं, हर खेत के मोड़ पर। उन्हें हम सब आंचलिक कथाकार कहते हैं लेकिन सच यह है
कि व...
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बढिया
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