प्रभाष जोशी के करीबी लोग बताते हैं कि उनका 73वां जन्म दिन ऐसा पहला जन्मदिन था, जिसे उन्होंने राजी-खुशी मनाया। इससे पहले तक तो वे दबाव से ही मनाते आ रहे थे। सन् 1997 में पहली बार उनका साठवां जन्म दिन इंदौर में मनाया गया था। तब से यह सिलसिला जारी था। यह उस कड़ी की अंतिम तस्वीर है, जिसे संजय तिवारी ने अपने कैमेरे में कैद किया था।
किशनगंज में पतंग, लालटेन, हाथ के बीच कहां गुम है तीर और कमल !
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किशनगंज में एक मैदान है -रूईधासा मैदान। उसी के बगल से गुजर रहा था। चुनावी
मौसम में इस मैदान का अलग ही महत्व होता है! खासकर रैलियों के वास्ते! इस जिले
में...
2 weeks ago

1 comment:
http://www.youtube.com/watch?v=1ZADwvQ0tQI
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