मालूम पड़ा कि पत्रकारिता के कुछ साथी बागी हो चले हैं। वैसे ठीक है, कोई तो आईना दिखलाय।
मीडिया स्केन नामक कुछ लाने वाले हैं। दोस्तो यहां सी.जी.ओ. यानी चीफ जुगाड़ अफसर का एक जगह खाली है। खंभे को झटका दिये दोस्तों को सहयोग मिलना चाहिए। तब आपका क्या खयाल है? अपन ने तय किया है कि साथ रहना है ।
कुछ बातें कुछ यादें कुछ सवाल
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कुछ किताबें आंगन के कोने में लगे हरसिंगार फूल के पुराने गाछ की तरह घर में
दाखिल होती है। सितम्बर अक्टूबर में जब यह फूल आँगन को अपनी खुशबू में बाँध
लिया करत...
15 hours ago
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