Thursday, February 19, 2009

मदर्से की लड़कियों की दुआ


न्यूज रूम में अकसर खबर आती थी कि पाकिस्तान के फलां इलाके में लड़कियों के स्कूल तबाह कर दिए गए तब अख़्तर शीरानी खूब याद आते थे।
मदर्से की लड़कियों की दुआ उनकी कलम से यूं निकली-

यारब, यही दुआ है तुझसे सदा हमारी।
हिम्मत बढ़ा हमारी, क़िस्मत बना हमारी।।
तालीम में कुछ ऐसी हम सब करें तरक्की।
गैरों की इन्तहां भी हो इब्तदा हमारी।।
पढ़ लिखके नाम पाएं, कुछ काम कर दिखाएं।
तेरे हुजूर में हैं यह इल्तजा हमारी।

शीरानी का अपना अंदाज है। उनके कहे में तह की चीजें भी वहां साफ नजर आती हैं।

3 comments:

इष्ट देव सांकृत्यायन said...

अच्छी बात है.

ghughutibasuti said...

हमारी भी दुआएँ साथ हैं।
घुघूती बासूती

Unknown said...

बहुत अच्छी लाइन है।
सामने लाने के लिए धन्यवाद।