छठ के बहाने गुलजार हुए बिहार के गांव पर्व के बाद फिर होंगे खाली, कब रुकेगा
ये पलायन?
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प्रवासियों के लिए भीड़ एक संज्ञा है! प्रवासियों का दर्द त्यौहारों में और
बढ़ जाता है, वे भीड़ बन निकल पड़ते हैं अपनी माटी की ओर, जहां से उन्हें
हफ्ते भर ब...
2 weeks ago
3 comments:
अच्छी बात है.
हमारी भी दुआएँ साथ हैं।
घुघूती बासूती
बहुत अच्छी लाइन है।
सामने लाने के लिए धन्यवाद।
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